गुरु बालकदास का संदेश | newsforum

©हरीश पांडल, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
पीड़ित मानवता के आन-बान का वेश हूं
जन-जन में स्वाभिमान जगाता
गुरु बालकदास जी का संदेश हूं
इतिहास के पन्नों का सच बतलाने आया हूं
अपने अतीत का सच्चा गौरव, मैं
लौटाने आया हूं
समतामूलक हो समाज, संघर्षों का, परिवेश हूं
जन-जन में स्वाभिमान जगाता
गुरु बालकदास जी का संदेश हूं
पूर्वजों की उज्ज्वल गाथा, का मैं
सच सुनाता हूं
मिटाया जो इतिहास पन्नों से, उसे
मैं आज, सुनाता हूं
पीड़ितों के हर दु.ख-सुख में साथी
करता मैं प्रवेश हूं
जन-जन में स्वाभिमान जगाता
गुरु बालकदास का संदेश हूं
प्रतिभावान, प्रबुद्ध जनों विद्वानों
संग चलता हूं
विचार क्रांति की बन मशाल, मैं
निरंतर जलता हूं
रोटी और सम्मान की अधिकार पर मैं विशेष हूं
जन-जन में स्वाभिमान जगाता
गुरु बालकदास का संदेश हूं
मैंने प्रबल प्रहार किया,
एकता की कटार से
अन्यायी पर वार किया
समतामूलक विचार से
मानवाधिकार की बात करता
सतनाम धर्म पर विशेष हूं
जन-जन में, स्वाभिमान जगाता
गुरु बालकदास का संदेश हूं
पीड़ित मानवता के आन-बान
का वेश हूं
जन-जन में विश्वास जगाता
गुरु बालकदास का संदेश हूं …