हमारी आवाज़ hamaaree aavaaz
©असकरन दास जोगी, अतनू
परिचय– बिलासपुर, छत्तीसगढ़
हमारी आवाज़
दबती आई है
दबा दिया जाता है
हम चाहे जितना भी चिखें
सब यहाँ जानबूझकर
बहरे बन जाते हैं
हमारी अभिव्यक्ति
पौराणिक काल से
अछूत समझा जाता है
न्याय और अधिकार तो हमें
देखकर ही रास्ता बदल लेते हैं
क्योंकि ये…
वर्णाश्रम के गुलाम हैं
हमारी आवाज़
जब जब बुलंद होती है
शोषकों के कान खड़े हो जाते हैं
और वे फिर
हमारी आवाज़ दबाने में
लग जाते हैं
हमारे मुद्दे
हमारे विषय
हमारी समस्याएँ
इन्हें आज भी
मिडिया नाकारती है
इनसे भेदभाव करती है
एक भी मिडिया नहीं
जो हमारी आवाज़ को लेकर
हमारे मुद्दों पर डिबेट करे
हमारी आवाज़
दबने नहीं देंगे
और बुलंद करेंगे
जो जानबूझकर बहरे बनते हैं
उनको जरूर सुनायेंगे
अगर वे तब भी नहीं सुनते
तब उनके कानों के पर्दों के
चिथड़े उड़ायेंगे ।
Askaran Das Jogi
our voice
our voice
have pressed
is suppressed
no matter how much we cry
all here intentionally
become deaf
our expression
from ancient times
considered to be untouchables
justice and rights
change the way just by seeing
Because this…
are the slaves of the Varnashram
our voice
when it’s high
the ears of the exploiters stand up
and they again
suppressing our voice
takes on
our issues
our subject
our problems
them even today
the media denies
discriminates against
no media
about our voice
debate our issues
our voice
won’t let you down
and will elevate
who are intentionally deaf
will definitely tell them
if they still don’t listen
then the curtains of their ears
Will throw rags.
कब बने सत्याग्रही गांधीजी !! kab bane satyaagrahee gaandheejee !!