ईंट हो जाना eent ho jaana
©कुमार अविनाश केसर
परिचय– मुजफ्फरपुर, बिहार
तुम-
ईंट को
भले पत्थर कह लो….
ईंट-
पत्थर तो नहीं !!
पत्थर तो पत्थर है !
धरती युगों सहती है,
तो
पत्थर बनती है !!
पत्थर सहनशक्ति है !!!
मिट्टी साँचे में ढलती है,
तो,
ईंट हो जाती है!
साँचे में ढलना —
ईंट हो जाना है !!
ईंट —
मगर,
कहाँ हो पाती है-
ठाकुर जी !!!
युगों की सहनशक्ति,
बड़ी हो,
तो
हिमालय हो जाती है !!
छोटी हो,
तो,
ठाकुर जी !!!
जी,
ईंट हो जाना….
पत्थर होना नहीं है !!!!
Kumar Avinash Kesar
to brick
you-
to brick
Call it a stone…
brick-
Not a stone!!
A stone is a stone!
The earth endures for ages,
So
Stone is made!!
The stone is stamina!!!
The soil molds
So,
It’s a brick!
mold-
Gotta get bricked!!
brick —
But,
where it can be-
Thakur ji!!!
the stamina of the ages,
be big,
So
The Himalayas are gone!!
be small,
So,
Thakur ji!!!
Yes,
Getting bricked….
Don’t have to be stone!!!!