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हिंदी से ही आशा है | Newsforum

©हरीश पांडल, बिलासपुर, छत्तीसगढ़


 

 

अलग-अलग

प्रदेश की

अलग-अलग

भाषा है

सबको जो

एक करें

हिंदी से ही

आशा है

अनेक देशों के

लोगों ने

अनेक भाषा के

लोगों ने

भारत पर

अधिकार जमाया ?

किंतु हिन्दी का पार

किसी ने ना पाया।

हिंदी से है भारत की

अभिलाषा

अलग-अलग

प्रदेश की

अलग-अलग

भाषा है

सबको जो

एक करता

हिंदी से ही

आशा है।

हिंदी में है प्यार

समाया

विदेशी भाषा

ने भरमाया

हिंदी ने हर्षाया है

हिंदी ने दर्शाया है

हिंदी सबमें

समाया है

हिंदी ही हमारी

मातृभाषा है

हिंदी से ही आशा है

देश के जनता की

स्वाभिमान है हिंदी

भारतीयों की

पहचान है हिंदी

भारत की शान

हैं हिंदी

बोले कोई भाषा- भाषी

सबसे पहले भारतवासी

भारतियों की

अरमान है हिंदी

हिंदी में सब काम है करने

हिंदी मे है जीने- मरने

हिंदी में ही सुख- दुख है

हिंदी हमारी प्रमुख हैं

हिंदी जानने की

पूरे विश्व को जिज्ञासा है

अलग-अलग

प्रदेश की

अलग-अलग

भाषा है

हम सबको जो

एक करता

हिंदी से ही

आशा है

भारतीयों को जो

एक है करता

हिंदी से ही

आशा है

हिंदी हमारी भाषा है …


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