कर्म प्रधान | Onlinebulletin
©रामकेश एम यादव, मुंबई
दुःख-दर्द सबको सुनाया न करो,
मदद में सबको बुलाया न करो।
नादान देखो देते हैं धोखा,
हरेक से दिल लगाया न करो।
बाज बैठे हैं हर टहनियों पर,
परिंदों को यूँ उड़ाया न करो।
मेहनत से ही कमाओ पैसा,
नाजायज पैसा लाया न करो।
इज्जत,शोहरत कुछ बचती नहीं,
औरों की धूप चुराया न करो।
धरती, आकाश सभी हैं साक्षी,
ईश्वर से दूरी बनाया न करो।
जलाना है तो लालच को जला,
घर की बहू जलाया न करो।
रुपये- पैसे कभी टिके हैं क्या?
इस पे घमंड दिखाया न करो।
कर्म प्रधान है, इसे भूलना नहीं,
बैठकर गाल बजाया न करो।
हर साँस होती है अंतिम दोस्तों!
मौज में मौत भुलाया न करो।