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प्यारे बापू | ऑनलाइन बुलेटिन

©पूनम सुलाने-सिंगल

परिचय- श्रीनगर से….


 

सत्य, अहिंसा की राह पर

जीवन भर तुम चलते रहें।

रामराज्य की, उम्मीद में

बन दीपक तुम जलते रहें।

 

गुलामी से मुक्ति दिलाने

स्वदेशी का मंत्र देते रहें।

बुरा ना देखो, ना सुनो, ना कहो

संदेश यहीं सुनाते रहें।

 

स्वावलंबन व्रत धारण कर

कर्म पथ पर निरंतर चलते रहें।

देख गरीबी देश की,

त्याग सुखों का करते रहें।

 

विदेशी का त्याग किए तुम

हम उसी का स्वीकार करते रहें ।

समता, बंधुता को भुलाकर हम

अपनी जाति के लिए लड़ते रहें।

 

प्यारे बापू, वक्त के साथ-साथ

आदर्श विचार तुम्हारे हम भूलाते गए।

हां मगर,बिना भूले हर साल एक छुट्टी

तुम्हारे जन्मदिवस की मनाते रहें।

 

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