आजादी के लिए | Newsforum
©अनिल बिड़लान, हरियाणा
शहीदों ने कहा था मर मिटेंगे देश के लिए
नाज होगा देश को उनकी शहीदी के लिए
इसी मिट्टी में पैदा हुए इसी में मिल जाएंगे
हंसते हंसते फांसी झूलेंगे आजादी के लिए
महबूबा हमने देश की स्वतंत्रता को बनाया
जान हथेली पे ले चले हम माँ भारत के लिए
ऊठेगी जब जब बुरी नजर हमारी सरहदों पे
झुक जाएंगी वो देख जज़्बा कुर्बानी के लिए
बस इतना याद रखना ऐ मेरे देश के जवानों
रखना संभाले आजादी को शहीदों के लिए …