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निसर्ग | Newsforum

©डॉ. सपना दलवी, कर्नाटक  

परिचय :- शिक्षा- एमए, एमफिल, अनुवाद डिप्लोमा, पीएचडी, रुचि- कविता, कहानी, नाटक, स्त्री विमर्श लेखन, उपलब्धियां: हिन्दी व मराठी भाषा में देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर लेख का प्रकाशन.


 

 

कितना सुन्दर यह नज़ारा

जिससे जीवन हरा-भरा

थकी-थकी नज़रों को

देता सुकून शीतल सा

 

कलरव करती सरिता

सागर में समा जाती

चिड़ियों की किलकारी

तन-मन विभोर कर जाती

 

फूलों की सुगंध

मन मोह ले जाती

हवा की हल्की लहर

तन को छूकर

नई आस जगाती

 

संध्या में सूरज की किरण

मन को सुकून दे जाती

दिन ढल जाता यूं हल्के से

फ़िर प्रकृति के गोद में समा जाता …


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