.

जहां पर है ये आशाएं कम…

©गायकवाड विलास

परिचय- मिलिंद महाविद्यालय लातूर, महाराष्ट्र


 

कुछ ख्वाईशें दफ़न करके,हमें यहां पर चलना है,

कभी ख़ुशी कभी ग़म दिल में लिए हमें यहां हंसना है।

 

कई आते है मोड़ नए नए जिंदगी के इस राहों पर,

इम्तिहान है ये जिंदगी,रखो तुम अपनी बाज की नज़र।

 

गांव भी बने उदास,वहां भी पहले जैसी रौनकें-ए-बहार नहीं है,

शहर की हवाओं ने उस गांव का भी सुकून छीन लिया है।

 

बेईमानी के जमाने में ये कैसा बदला बदला सा आलम है,

ये तो जलती हुई ईमानदारी का चारों ओर फैला मातम है।

 

तकदीर का सूरज देखा मत करो अपनी हाथों की लकीरों में,

कभी देखो वो लकीरें तुम,उसी में सफलता की राह छुपी होती है।

 

भाग मत इतना ऐ इन्सा,ये राहें कभी ख़त्म नहीं होती है,

जहां पर है ये आशाएं कम,वही पे ये जिंदगी मुस्कुराती है।

 

कुछ ख्वाहिशें दफ़न करके ही हमें यहां पर चलना है,

महलों में भी छाई है उदासी,आशाओं का यहां अंत कब होता है।

 

Gaikwad-Vilas-Latur-Maharashtra
गायकवाड विलास

🔥 सोशल मीडिया

 

फेसबुक पेज में जुड़ने के लिए क्लिक करें

https://www.facebook.com/onlinebulletindotin

 

व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें

https://chat.whatsapp.com/Cj1zs5ocireHsUffFGTSld

 

ONLINE bulletin dot in में प्रतिदिन सरकारी नौकरी, सरकारी योजनाएं, परीक्षा पाठ्यक्रम, समय सारिणी, परीक्षा परिणाम, सम-सामयिक विषयों और कई अन्य के लिए onlinebulletin.in का अनुसरण करते रहें.

 

🔥 अगर आपका कोई भाई, दोस्त या रिलेटिव ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन में प्रसारित किए जाने वाले सरकारी भर्तियों के लिए एलिजिबल है तो उन तक onlinebulletin.in को जरूर पहुंचाएं।

 

ये खबर भी पढ़ें:

महात्मा ज्योतिबा फुले…

 


Check Also
Close
Back to top button