गौ माता तेरी पुकार रही है | ऑनलाइन बुलेटिन
©अनिल बिड़लान
परिचय : कुरूक्षेत्र, हरियाणा.
मौत बनकर आई है भारी
लम्पी नामक लगी बीमारी
तड़प तड़प कर मर रही हूँ
हिंद में भूखी प्यासी बेचारी
गौ माता तेरी पुकार रही है!
निभा ले तू बेटा जिम्मेदारी।
नरभक्षी पर करोड़ों लगा के
भूला क्यों है माँ की लाचारी
उसके तो फोटो खींच रहा है
मैं ताक रही हूँ राह तुम्हारी
गौ माता तेरी पुकार रही है!
निभा ले बेटा तू जिम्मेदारी।
चुनाव में चमकाया नाम मेरा
अब क्यों याद आई न हमारी
सत्तासुख में माता बिसर गया
खून के आंसू रोती गायें सारी
गौ माता तेरी पुकार रही है!
निभा ले बेटा तू जिम्मेदारी।
चीते को तू चीतल खिलाएगा
बिन दवाई मर रही गौ प्यारी
गऊ हत्या पाप लगे राजा को
पिंड छुटाना हो जाएगा भारी
गौ माता तेरी पुकार रही है!
निभा ले बेटा तू जिम्मेदारी ।।