उन्हीं के बदौलत होगा | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

©गायकवाड विलास
अपने बच्चों के हम है पथदर्शक,
जो हम सिखाएंगे वही वो सीख लेंगे।
मिट्टी के बर्तन जैसे वो भी इस जहां में,
जैसा बनाओगे वैसा ही सुन्दर बन जायेंगे।
अच्छी शिक्षा और सच्ची नीतियों का ज्ञान देंगे तो,
वही बच्चें कल इस देश के अच्छे इन्सान बनेंगे।
अपने भविष्य के साथ-साथ वही बच्चें,
अपने देश का नाम भी सारे जहां में रोशन करेंगे।
भला-बुरा,नीति,अनीति और संस्कार,
अभी वो कुछ भी नहीं जानते इस संसार में।
इसीलिए उन्हें दे दो सीख अच्छाई की,
जैसे सभी फूल खिलते है किसी भी चमन में।
अभी वाकिफ नहीं है वो किसी भी माहौल से,
बहुत दूर है वो अभी,किसी भी बुराईयों से।
उन्हें ऐसे ही निर्मलता से बढ़ने दो संसार में,
फिर क्युं नफरतों के बीज बोते है हम उनके मन में?
निर्मलता से हंसने खिलने दो उन्हें इस जहां में,
मानवता,बंधुता और प्रेम से ही वो फूलों जैसे खिलेंगे।
उन्हीं के बदौलत होगा फिर ये सच्चाई भरा नया संसार यहां पर,
जहां हर किसी के मन में इन्सानियत के फूल खिले होंगे।
अपने बच्चों के हम है पथदर्शक,
जो हम सिखाएंगे वही वो सीख लेंगे।
मिट्टी के बर्तन जैसे वो भी इस जहां में,
जैसा बनाओगे वैसा ही सुन्दर बन जायेंगे।
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