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कच्ची उम्र में शादी, तुम नहीं करावो | ऑनलाइन बुलेटिन

©गुरुदीन वर्मा, आज़ाद

परिचय– गजनपुरा, बारां, राजस्थान


 

 

इनकी तुम यह डोली, अभी नहीं सजावो।

दुल्हन इनको तुम, अभी नहीं बनाओ।।

रोको इनकी शादी, समझो बात को तुम।

कच्ची उम्र में शादी, तुम नहीं करावो।।

इनकी तुम यह डोली—————–  ।।

 

 

बहुत बड़ा पाप है, इस उम्र में विवाह।

न्याय नहीं इनके साथ, यह बाल विवाह।।

तुम खिलने दो इनको, बिना बोझ के।

इनके जीवन को नरक, नहीं ऐसे बनाओ।।

इनकी तुम यह डोली—————-।।

 

 

शिक्षा की उम्र है, अभी पढ़ने दो इनको।

स्वर्णिम जीवन का सपना, देखने दो इनको।।

तुम बन जाने दो, इनको खुद स्वालम्बी।

इनकी मंजिल में तुम, नहीं कांटें बिछाओ।।

इनकी तुम यह डोली—————-।।

 

 

 

रस्में ऐसी छोड़ो, इनको जीने दो आजाद।

नाम तुम्हारा हो रोशन, ऐसा दो आशीर्वाद।।

यह लहु है तुम्हारा, बोझ नहीं इनको कहो।

बालविवाह है अभिशाप, सबको समझाओ।।

इनकी तुम यह डोली ——————–।।


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