जिंदगी सदाबहार | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

©गायकवाड विलास
चांद तारों से सजा है ये प्यारा आसमां,
फिर भी कैसे कहें हम रुठा है वो समां।
जिंदगी को युही कोसना छोड़कर पल-पल,
चलो तुम हर पल सच्चाई और नेकी के पथ पर।
जिंदगी को सजाना और उजाड़ देना,
उसी के लिए हम ख़ुद ही होते है जिम्मेदार।
ग़लत राह चुनके कभी मिलती नहीं सफलता,
वही राह दिखाती है हमें बर्बादी का मंजर।
ख्वाब देखना कोई मुश्किल बात नहीं जीवन में,
कल के ख्वाब ही हमें सफलता की ओर ले जाते है।
कोरे कागज की तरह होती है ये जिंदगी भी,
उसी जिंदगी की कहानी हम खुद ही यहां लिखते है।
औरों का आशियाना देखकर उदास मत होना तुम,
कभी उस आशियाने का इतिहास भी देखना हमें ज़रुरी है।
किसी को कुछ नहीं मिलता यहां युही बैठकर,
कभी पढ़ लो ज़रा उन्हीं को भी जो बने यहां सिकंदर।
रात और दिन,धुप और छांव सृष्टि चक्र है ये,
वेसे ही ग़म और ख़ुशी,हार और जीत यही तो जिंदगी है ।
इसीलिए मायूसी के पलों को भूलकर चलना है आगे हमें,
क्योंकि जिंदगी के उसी कोरे पन्नों पर हमें ही भाग्य अपना लिखना है।
चांद तारों से सजा है ये प्यारा आसमां,
फिर भी कैसे कहें हम रुठा है वो समां।
ख़ुशी और गमों के पलों से ही भरा है ये सारा संसार,
मेहनत और श्रम के बिना कभी होती नहीं ये जिंदगी सदाबहार – –
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