.

प्रेम | ऑनलाइन बुलेटिन

©कुमार अविनाश केसर

परिचय– मुजफ्फरपुर, बिहार


 

 

तुम प्यार लिख रहे हो, मैं गीत लिख रहा हूँ।

जग का सार लिख रहे हो, मैं रीत लिख रहा हूँ।

 

तुम्हें दर्द ने है मारा, मुझे प्यार ने संभाला,

तुम हार लिख रहे हो, मैं जीत लिख रहा हूँ।

 

दुनिया ने जो दिया है, सपनों में जो जिया है,

तुम दर्द लिख रहे हो, मैं प्रीत लिख रहा हूँ।

 

तेरे दिल का ये सितम है, तेरे साथ ही जिया है,

तुम दिल लिख रहे हो, मैं मनमीत लिख रहा हूँ।


Back to top button