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पैसा ज़रूरी है | ऑनलाइन बुलेटिन

©नीलोफ़र फ़ारूक़ी तौसीफ़

परिचय– बिहार शरीफ़, नालंदा में जन्म, मुंबई में निवास, शिक्षा- एमसीए, एमबीए, आईटी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर.


 

पैसा है तो हसीन सपने हैं,

पैसा है तो ख़्वाब अपने हैं,

 

बिन पैसा कोई औक़ात नहीं।

बिन पैसा महफ़िल में बात नहीं।

 

पैसा है तो ज़माना झुक जाता है।

पैसों के आगे अकड़ भी टूट जाता है।

 

बिन पैसा कोई प्यार नहीं।

बिन पैसा कोई व्यपार नहीं।

 

पैसा है तो दिल मालामाल है।

पैसा है तो सबको ख़्याल है।

 

बिन पैसा कोई मोल नहीं।

बिन पैसा कोई रोल नहीं।

 

पैसा है तो सब ख़ुशहाल।

पैसा है तो मालामाल।

 

बिन पैसा तक़दीर नहीं सँवारी है।

बिन पैसा बेटी भी कुंवारी है।

 

पैसा है तो सामान ख़रीद लो,

पैसा है तो ईमान ख़रीद लो।

क्यों नारी बेचैन kyon naaree bechain
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