मेरी यादें ….

©पुष्पराज देवहरे भारतवासी
कभी ना कभी तो उसे मेरी याद आई होंगी
कभी तो मेरी यादें उसे रात भर जगाई होंगी ||
सांसे थम जाती हैं, हर पल दिल रोता हैं मेरा
अश्कों का समंदर कभी तो उसे डूबाई होंगी ||
जब से तुम गई हो झूठ बोलना सिख चूका हूँ
हाल दिल मेरा, कभी तो लोगो को बताई होंगी ||
मुझ में मैं ना रहा दिल पुकार रहा तुम्हें आजा
मेरे दिल की आवाज़ कभी तो उसे सुनाई होंगी ||
काली घटाओं की बारिश मेरी धड़कन बढ़ाये
सावन की बारिशें कभी तो तुम्हें रुलाई होंगी ||

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