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आगे बसंत | newsforum

©सरस्वती साहू, बिलासपुर, छत्तीसगढ़

 


 

टेसू के फूल म माते हे रंग

आगे बसंत भैइया आगे बसंत

डारा झुलावय अऊ पाना झुलत हे

मंऊरे हे आमा बड़ सुघ्घर लगत हे

महुवा मतावय पवन म मतंग

पवन म मतंग… आगे बसंत भैइया…

आनी बानी के हावय चिरई अऊ चुरगुन

मंडरावत हे बगिया म भौंरा गुनगुन

छाये सीजन म बसंती के रंग

बसंती के रंग…. आगे बसंत भैइया…

सुख्खा पाना ह झरगे, नवा फोंकीयागे

बरखा गुजरगे अऊ जाड़ा सिरागे

खुशयारी म लैइका उड़ावय पतंग

उड़ावय पतंग… आगे बसंत भैइया…

सधाये हे मन सबके माघ अधियागे

होरी खेलेबर फागुन लकठियागे

होरी तिहार अऊ बसंती के रंग

बसंती के रंग… आगे बसंत भैइया…

टेसू के फूल म माते हे रंग

माते हे रंग…

आगे बसंत भैइया आगे बसंत

 


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