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स्वर कोकिला लता जी l ऑनलाइन बुलेटिन

नीलोफ़र फ़ारूक़ी तौसीफ़

©नीलोफ़र फ़ारूक़ी तौसीफ़, मुंबई


 

 

 

28 सितंबर 1929 इंदौर में जन्म स्थान।

भारत की स्वर कोकिला से मिला सम्मान।

दीनानाथ मंगेशकर पिता, शेवंती माता,

लता जी जादुई आवाज़, सब का अभिमान।

 

छः दशकों का कार्यकाल , उपलब्धियां पाई

लगभग 30 से ज़्यादा भाषा में गाने गाई।

भारत रत्न से भारत ने किया सम्मानित,

पार्श्व गायन , राष्ट्र की आवाज़ बन आई।

 

एक मात्र ऐसी हस्ती, पुरुष्कार जिनके नाम,

जीवित अवस्था में ही , संसार को पैग़ाम

नँगे पाँव ही गाती थी अपना हर गाना,

सरस्वती का वास इनमें, दिल से पढ़ती कलाम।

 

पहला गाना ‘किती हसाल’ में 1942 में सुर दिया,

पद्म भूषण, दादा साहेब, अनेक पुरुष्कार नाम किया

मात्र तरह वर्ष में लिया ज़िम्मेदारियों का बोझ,

कुछ फिल्मों में अभिनय का भी योगदान दिया।

 

नए सुर से नए युग का हो गया आग़ाज़।

स्वर-साम्राज्ञी का हर सुर में नया अंदाज़,

6 फरवरी 2022 को छोड़ गई हमें लेकिन,

गूँजता रहेगा दुनिया में सुरीली आवाज़, सुरीली आवाज़।

 

 

लता मंगेश्कर जी को भावपूर्ण शश्रद्धांजलि ???

 


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