शोर मचाना अभी बाकी है…

©उषा श्रीवास, वत्स
चल रहा है वक्त का पहिया
पर सफर अभी बाकी हैं।
जिन हालातों ने सवाल किये हैं अभी,
उन्हें मुक्कमल जवाब देना अभी बाकी हैं।
चल रही हूँ मन्जिल के सफर में,
मन्जिल को पाना अभी बाकी हैं,
कर लेने दो लोगों को चर्चे मेरी हालात के,
कामयाबी का शोर मचाना अभी बाकी हैं ।
जज्बात से मेरी खेलकर तुम कर लो अपनी मनमानी,
उम्मीद की लौ बुझी नही मेरा वक्त आना अभी बाकी है,
कर रहे है सवाल मुझे जो निशात समझ कर,
उन सबको जवाब देना अभी बाकी हैं।
निभा रही हूँ अपनी किरदार जिदंगी के मंच पर
है समझ तुममें तो तालीयाँ बजना अभी बाकी हैं,
सर से ऊपर कुछ नहीं गया बात अभी तो,
कामयाबी का शोर मचाना अभी बाकी हैं…
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