ये दुनिया | ऑनलाइन बुलेटिन
©रामभरोस टोण्डे
परिचय– बिलासपुर, छत्तीसगढ़
कोरे कागज में क्या लिखुं ,
दिल जमी आसमान अपना ।
अब ये दुनिया,
बेगानी लगती है।
जाओ सागर के पास,
दिल सुहाना लगता है।
गांव-गली वीरान लागे ,
मिलते नहीं कोई अपना।
अपनो में मस्त है,
हर कोई आज ।
ये दुनिया अजीब सी लगती है,
वक्त नहीं अपनो के लिए ।
आसमान भी अब ,
पल-पल बेरूखी नजर आता है।
कैसे कहें अब ,
बेगाना लगता है ये दुनिया ।