अतृप्त आत्माएं | ऑनलाइन बुलेटिन

©हरविंदर सिंह, गुलाम
परिचय- पटियाला, पंजाब
मैनें सुना था
वो रहती है
बीहड़ो में
खण्डरों में
कंदराओं में
जंगलों में
शमशानों में
कब्रिस्तानों में
मैंने ढूंढा उन्हें
मरुथलों में
समुन्दर तल में
डूबे जहाजों में
वीरान बस्तियों में
उजड़े शहरों में
मैंने देखा उन्हें
उत्सवों में
समारोहों में
पांच सितारा होटलों
के कमरों में
लाल रोशनी क्षेत्रों में
मदिरालयों से लेकर
धार्मिक स्थानों की
लम्बी कतारों में
मैंने पाया उन्हें
हममें से
हर एक में
क्या आपने भी
देखी है कभी
अतृप्त आत्माएं ….
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