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तिरंगा हमें प्यारा है | ऑनलाइन बुलेटिन

©अजय कुमार द्विवेदी

परिचय– कानपुर, उत्तर प्रदेश


 

 

लहराते तिरंगे को कभी झुकने नहीं देंगे,

तरक्की की ओर बढ़ते काफिले को कभी रुकने नहीं देंगे,

ज़ीरो से शुरू हुए, हीरो बनके निकले हैं,

अब देश की तरक्की में बच्चे, बूढ़े,

महिलाएं, और अब युवा भी आगे निकले हैं,

तिरंगे की खातिर ना जाने कितने, सर कटाए हैं,

देश के लिए न जाने कितनों ने रक्त बहाये हैं,

और तिलक लगाकर आज़ादी का हमनें बिगुल बजाया था,

भगत सिंह, आज़ाद, सुखदेव सभी ने मिलकर,

इस माटी को आज़ाद कराया था,

और आज़ादी के बाद हमने इस तिरंगे को फहराया था,

और तब फक्र से सीना चौड़ा हो जाता है,

जब संविधान का पाठ पढ़ाया जाता है.

लोकतंत्र में लोकतांत्रिक तरीके से अपने मूल्यो को रखा जाता है,

और इसी तरह हर वर्ष हर्षोल्लास के साथ

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।

 


सौजन्य-

©रामभरोस टोण्डे, बिलासपुर, छत्तीसगढ़                


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