नारी तोर बिन | newsforum
©सरस्वती साहू, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
नारी तोर बिन, नई चलय संसार ओ
नारी तहीं, पुरुष के आधार ओ
नारी तहीं, मनखे के आधार ओ…
बेटी बनके तैं हर नारी, आंगना ल महकाये
बनके बहुरिया तैं साजन के, सपना ल सजाये
नारी तोर बिन नई बनय परिवार ओ
नारी तहीं, पुरुष के आधार ओ…
नारी तपीं, मनखे के आधार ओ…
नारी तैं कुल के मरियादा, तोर ले हे सम्मान
तोर ले मईका, पीहर सजे, अऊ ले हे जहान
नारी महिमा जान के भगवन, लेवत हे अवतार ओ
नारी तहीं, पुरुष के आधार ओ…
नारी तहीं मनखे के आधार ओ…
आनी बानी के रिसता नाता, जम्मो म ढल जाथस
तोर अँचरा म मया भरे हे, कतका मया लुटाथस
दया, मया के तैं चिनहारी, होथे नारी जै-जैकार ओ
नारी तहीं, पुरुष के आधार ओ….
नारी तहीं मनखे के आधार ओ …