विश्व विरासत दिवस | ऑनलाइन बुलेटिन
©नीलोफ़र फ़ारूक़ी तौसीफ़
परिचय– मुंबई, आईटी सॉफ्टवेयर इंजीनियर.
युनेस्को ने पूर्वजों की विरासत को कहते अनमोल।
धरोहर है ये हमारी जिसका चुका न पाए मोल।
वर्तमान और भविष्य की नींव की है अलग पहचान,
इतिहास के पन्नों में, गौरवपूर्ण कर विश्व में दिलाता स्थान।
बीता हुआ कल न आया है कभी न वापस आएगा,
संजीवनी बूटी जैसा ये साहित्य, इसे सजीव बनाएगा।
राष्ट्र की सभ्यता और प्राचीन संस्कृति महत्वपूर्ण बनाती
18 अप्रैल को विरासत दिवस बन, विरासत बताती।
सम्पूर्ण विश्व में 9011 विश्व स्थल को मिला स्थान
704 ऐतिहासिक, 180 प्रकृतिक, 27 मिश्रित की पहचान।