तुम अटल आकाश हो | ऑनलाइन बुलेटिन
©राहुल सरोज
परिचय– जौनपुर, उत्तर प्रदेश
नारी तुम अटल आकाश हो,
धनक का सतरंगी प्रकाश हो,
तुम हो त्याग की महाशक्ति,
नारी तुम अमिट विश्वाश हो।
नारी तुम प्रेम की गंगा हो,
अमृत की बहती धारा हो,
नारी तुम करुणा का सागर हो,
अटल आकाश का तारा हो।
नारी तुम ममता की मूरत हो,
जीवन की प्रथम जरूरत हो,
तुम जननी हो सृष्टि की,
नारी तुम संघर्ष की सूरत हो।
नारी तुम आंगन की तुलसी हो,
तुम स्वात नखत का पानी हो,
तुम हो जग का ज्ञान दीप,
नारी तुम अमिट कहानी हो।