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1 मई मजदूर दिवस…….

©हरीश पांडल, विचार क्रांति

परिचय- बिलासपुर, छत्तीसगढ़

 

 

आज मजदूर दिवस है

सदियों से वे विवश हैं

ऊंचे ऊंचे अट्टालिका बनाने वाले

बडे बडे मशीनें चलाने वाले

ताउम्र बोझ उठाने वाले

समुचे विश्व को आगे बढ़ाने वाले

श्रमिको को,गरीब मजदूरों को

मजदूर दिवस के आयोजनो में

मुख्य अतिथि क्यो नही

बनाया जाता ?

 

मालिकों के द्वारा,

मजदूरो का सम्मान क्यों

नही कराया जाता?

मजदूरो के मजदुरी की कीमत

क्या केवल मजदूरी है?

मजदूरों से काम लेना

धनकुबेरों की मजबूरी है?

नेता, उद्योगपति ही क्यों

सम्मान के लायक है?

मजदुर, मजदुरी के बाद

कैसे नालायक है?

मजदूर ना होते तो विश्व

की प्रगति रुक जाता

मजदूर ही दुनिया में

प्रगति गढ पाता,

मजदूर भी इंसान हैं

उनके भी अरमान है

वे सबका करते सम्मान है

फिर उनका क्यो

होता अपमान है

मजदूर, किसान,श्रमिक

कामगार सभी मेहनत करते हैं

विश्व कल्याण करते हैं

अफसोस ताउम्र भुखे मरते हैं

मजदूर -मजबूर है

मजदूर विवश हैं आज

मजदूर दिवस है,,,


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