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आत्मा के संबंधों को l ऑनलाइन बुलेटिन

©सरस्वती राजेश साहू


 

 

 

राजेश जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन …

 

 

 

तोड़ नहीं सकता है कोई,

आत्मा के संबंधों को।

भले झुका दी है बैरी ने,

पीड़ा से मम कंधों को।।

 

अंत नहीं प्रारंभ हमारा,

होगा नूतन शुभ जन्मों में।

अडिग, अटल विश्वास है मुझको,

जीवन के निज कर्मों में।।

 

वाणी दी है तुझको मैंने,

पूर्ण उसे कर जाऊँगी।

नहीं किया तो समझो कि मैं,

जीते जी मर जाऊँगी।।

 

दिव्य शिखर तक ले जाने को,

हाथ तुम्हीं ने खींचा है।

ऊर्जा बनकर नित आना,

यह रक्त तुम्हीं ने सींचा है।।

 

जब तक हूँ धरती पर रहना,

स्मृतियों के संग मेरे।

स्वाभिमान के गुण अंतस,

चढ़ जाए मुझमें रंग तेरे।।

 


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