अश्वपति बेटी कैकेयी रानी, जम्मो देवय तोला गारी | newsforum

©द्रौपदी साहू (शिक्षिका), कोरबा, छत्तीसगढ़
गीत
अश्वपति बेटी कैकयी रानी, जम्मो देवय तोला गारी।
संसार के उद्धार करे बर, भेजे राम ल बन-झारी।।
अंतस म तोरो पीरा समाए,
रहि-रहि के तहूं आंसू बोहाए।
आंख के तारा, राज दुलारा…कइसे जाही बन-झारी।
अश्वपति बेटी कैकयी रानी, जम्मो देवय तोला गारी।
संसार के उद्धार करे बर, भेजे राम ल बन-झारी।।
अयोध्या नगरी के जम्मो जन आए,
बनवास जाए बर गोहराए।
संगे म जाबो रामे के हमू…कहे जम्मो दरबारी।
अश्वपति बेटी कैकयी रानी, जम्मो देवय तोला गारी।
संसार के उद्धार करे बर, भेजे राम ल बन-झारी।।
राम-लखन-सिया बनवास जावय,
माटी अयोध्या के धरत जावय।
राम ल बनवास जावत देख के… रोवय जम्मो नर-नारी।
अश्वपति बेटी कैकयी रानी, जम्मो देवय तोला गारी।
संसार के उद्धार करे बर, भेजे राम ल बन-झारी।।
दसरथ हर सुनके होस गंवाए,
संसो म प्रान-पखेरू उड़ाए।
राम के सुरता म बूड़े रहे तैं… छोड़ चले संसारी।
अश्वपति बेटी कैकयी रानी, जम्मो देवय तोला गारी।
संसार के उद्धार करे बर, भेजे राम ल बन-झारी।।