स्वास्थ्य ही धन है | ऑनलाइन बुलेटिन
©इंदु रवि
परिचय– गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश
स्वास्थ्य ही तो है धन सारा
इसी से चले व्यवसाय हमारा
बेशक कमा न पाए धन
पर स्वस्थ रखना तन मन ।
स्वस्थ भोजन करना ,
स्वच्छ सदा रहना तुम
स्वच्छता में है पावनता
सत्य सदा कहना तुम ।
साफ सफाई से होंगे
दूर रोग सारा , स्वास्थ्य ही
तो है धन हमारा ।
सेहत का तू रखना ध्यान ,
फिर बनाना अपनी पहचान ।
भाग दौड़ भरी जिंदगी में
बेशक करना तुम लाख काम
पर तुम रखना अपना ध्यान ,
क्योंकि हम स्वस्थ रहेंगे तो ,
स्वस्थ बनेगा समाज हमारा
स्वास्थ्य ही तो है , धन सारा ।
अगर हम बीमार हो गए , तो
हमारी तरक्की अवरूद्ध होगी ।
स्वस्थ रहें तो,बाधाओं में भी ,
समृद्धि होगी ।
सब मिल लगाओ नारा
स्वस्थ शरीर से ही बनेगा
जीवन सुखमय हमारा ।
पहली जिम्मेदारी सुंदर शरीर
फिर हरना तुम जग की पीर ।।