चंद लफ्ज़ chand laphz
©पुष्पराज देवहरे भारतवासी
परिचय– रायपुर, छत्तीसगढ़.
रोज़ बर्बाद करते पैसा जुए पर उड़ाने में
ख़ून पसीने छूट जाते हैं पैसे कमाने में ||
क्यों करते ऐसा काम चंद पैसे के लिए
सदियाँ लग जाती हैं, इज्जत बनाने में ||
मिले अगर वक़्त ज़रूर आना मेरे दोस्त
ग़म बाँट लेंगे मिलकर मेरे आशियाने में ||
देकर एक मौका माफ़ कर देना उसको
ग़लतियां हो जाती है कभी अनजाने में ||
नारी होना इतना आसान नहीं होता ज़नाब
घर -बार त्याग देती है पत्नी धर्म निभाने में |
घमंड, फ़रेब, ईर्ष्या, मत करो किसी से यहाँ
लोग कम पड़ जाएंगे, जनाज़ा उठाने में ||
चाहे लाख ग़लतियां छुपा लो, अपनी लेकिन
एक दिन झूठ पकड़ी जाएगी, किसी बहाने में ||
इश्क़े जात – पात करने वाले, इश्क़ क्या जाने
यूँ ही नहीं करते प्रेमी, मौत को गले लगाने में ||
हर किसी पर भरोशा, मत करना पुष्पराज
हर कोई वफ़ादार नहीं, आज के ज़माने में ||
Pushpraj Deohare Bharatwasi
Chand Lafz
everyday wasting money on gambling
Blood and sweat are lost in earning money.
Why do you do such work for a little money?
It takes centuries to build respect
If the time must come, my friend
Will share sorrows together in my house ||
give him a chance
Mistakes happen sometimes unintentionally
Being a woman is not that easy sir
The wife renounces the house again and again in the pursuit of religion.
Pride, deception, jealousy, don’t do anyone here
People will fall short, in raising the funeral
Even if you hide a million mistakes, but your
One day a lie will be caught, in some pretext.
Those who love love, know what is love
Lovers don’t do it like this, in embracing death ||
Don’t trust everyone, Pushpraj
Not everyone is loyal, in today’s world.