कोरोना ले बच के रइहा | newsforum

©द्रौपदी साहू (शिक्षिका) गाइडर, कोरबा, छत्तीसगढ़
विपत के घड़ी आये हे, बाहिर झन निकलिहा।
कोरोना ल भगाए बर, अपनेच घर म रइहा।।
कोरोना हावय अभी, जी के जंजाल।
डरइहा झन संगी, बीत जाही ए काल।।
मास्क पहिरिहा, दूरी रखिहा।
बने रहे के, उपाय करिहा।।
बउरे मास्क ल, बढ़िया से धोइहा।
तभे दुबारा, ओला लगइहा।।
घेरी-बेरी हाथ धोइहा, सेनेटाइज घलो करिहा।
सावधानी बरतिहा त, कहां ले बिमार परिहा।।
कोरोना ले बच के रइहा, एही म हुसियारी हे।
लोगन ल समझाय के, सबो के जिम्मेदारी हे।।