यार सुनो तुम साथ रहो…
©राहुल सरोज
मैं एक कहूं तुम चार कहो,
मैं दिन कहूं तुम रात कहो,
मैं आज लड़ूं तुम रोज लड़ो,
पर यार सुनो, तुम साथ रहो,
ये दुनियां,
ये दुनियां बड़ी जालिम है।
मुझे डर लगता, तुम्हें खो ना दूं,
तुम साथ ना हो तो रो ना दूं,
बस इतना सा अरमान मेरा,
तुम हसती रहो, मैं हसता रहूं,
जो हमने आंखों में ख्वाब लिए,
उसको साधक बन साधता रहूं,
पर यार सुनो, तुम साथ रहो,
ये गलियां,
ये गलियां बड़ी मुस्किल हैं,
मुझे डर लगता तुम्हें खो ना दूं,
तुम पास ना हो तो रो ना दूं,
बस इतना सा अरमान मेरा,
तुम कहती रहो मैं सुनता रहूं,
संग ख़्वाब हजारों बुनता रहूं,
जीवन के हर एक मंजर को,
देखूं संग में संग सुनता रहूं,
पर यार सुनो, तुम साथ रहो,
ये रातें,
ये रातें बड़ी बोझिल है,
मुझे डर लगता तुम्हें खो न दूं,
तुम पास ना हो तो रो ना दूं,
बस इतना सा अरमान मेरा,
तुम सोती रहो मैं जगता रहूं,
लेकर करवट मैं तेरी तरफ,
तेरे सिरहाने तकता रहूं,
बाल सवारूं चेहरे के,
माथे पर हाथ फेरता रहूं,
पर यार सुनो तुम साथ रहो।
🔥 सोशल मीडिया
फेसबुक पेज में जुड़ने के लिए क्लिक करें
https://www.facebook.com/onlinebulletindotin
व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें
https://chat.whatsapp.com/Cj1zs5ocireHsUffFGTSld
ONLINE bulletin dot in में प्रतिदिन सरकारी नौकरी, सरकारी योजनाएं, परीक्षा पाठ्यक्रम, समय सारिणी, परीक्षा परिणाम, सम-सामयिक विषयों और कई अन्य के लिए onlinebulletin.in का अनुसरण करते रहें.
🔥 अगर आपका कोई भाई, दोस्त या रिलेटिव ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन में प्रकाशित किए जाने वाले सरकारी भर्तियों के लिए एलिजिबल है तो उन तक onlinebulletin.in को जरूर पहुंचाएं।
ये खबर भी पढ़ें: