हर आंगन में यहां | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

©गायकवाड विलास
परिचय- मिलिंद महाविद्यालय, लातूर, महाराष्ट्र
हार जीत के बिना नहीं है ये जिंदगी हमारी,
सुख दुखों के यहां हरपल आना-जाना है।
जीवन एक संघर्ष है सभी के लिए यहां पर,
हर आंगन में यहां ग़म और खुशियों का मेला है।
कौन है ऐॆसा इस सारे संसार में यहां?
जहां हर पल सिर्फ सुखों की फैली छाया है।
ढूंढकर भी नहीं मिलेगा ऐसा आंगन इस जहां में,
क्योंकि जिंदगी से जुड़कर आयी ये सुख दुखों की माला है।
एक ही पल में यहां कहीं पर खुशियां और कहीं ग़म,
वही पलों का खेल सभी के जीवन में यहां निरनिराला है।
जीवन और मृत्यु से जुड़ी ये जिंदगी हमारी,
सभी के सफर में बना हुआ एक अंजान फासला है।
रात और दिन की तरह होती है ये जिंदगी भी,
कभी खुशियों का उजाला तो कभी गमों का अंधेरा है।
इसीलिए चलो जीवन के सफ़र में हरपल हंसते हुए,
क्योंकि कौन जाने किसी के लिए कल का वो आखरी सवेरा है?
हार जीत के बिना नहीं है ये जिंदगी हमारी,
सुख दुखों का यहां हरपल आना-जाना है।
चल मुसाफिर चल तू उस अंजान राहों पर,
जब तक चलती है ये सांसें तब तक जीवन एक संघर्ष है।