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भारत के वीर सपूतों | Newsforum

©डॉ. सपना दलवी, कर्नाटक 

परिचय :- शिक्षा- एमए, एमफिल, अनुवाद डिप्लोमा, पीएचडी, रुचि- कविता, कहानी, नाटक, स्त्री विमर्श लेखन, उपलब्धियां: हिन्दी व मराठी भाषा में देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर लेख का प्रकाशन.


 

 

खून अपना बहाकर धरा पर जिसने दिलाई आज़ादी देश को

अभिवादन है उन वीर जवानों को

इस धरती के वीर सपूतों को

 

इस मिट्टी की सोंधी खुशबू में

आज भी वीरों की याद बसी है

बहा खून मिल गया इस मिट्टी में

जो आज भी उनका गुणगान करती है

 

जितना भी करेंगे नमन इनको

फिर भी इनका ऋण चुका न सकेंगे

बुझ गए थे कितने घरों के चिराग़

पर देश को रौशन कर के गए

 

नत मस्तक हैं हम उन वीर सपूतों के

जो दे गए तोहफ़ा “स्वतंत्रता” का देश को

देकर अपने प्राणों का बलिदान

 

धन्य थीं ओ पावन माताएं

जिसने ऐसे वीरों को दिया जन्म

अपनी कोख उजाड़ कर जिसने

भारत मां की झोली भर दी

 

“जय हिंद, जय भारत, जय जवान”


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