ऐ, जिंदगी जरा हम पे भी…
©गायकवाड विलास
परिचय- मिलिंद महाविद्यालय, लातूर, महाराष्ट्र
ऐ, जिंदगी जरा हम पे भी कभी एहसान करना,
भाग रहे है कब से और कोई नहीं है ठिकाना।
आसमां का छत और धरती की गोद यही दुनिया हमारी,
संग संग चलें मुश्किलों का साया और बेकार है कोशिशें हमारी।
चलो अब हम दोनों भी कहीं पर रूकते है ज़रा,
संग संग भाग रहे है फिर भी मिला नहीं कोई किनारा।
और कितना भागे हम,ये राहें कब रूकेगी यहां पर,
बचपन से भाग रहे हम और खत्म नहीं होता ये सफ़र।
कहीं पर खुशियों की सौगात,कहीं पर गमों की बरसात है,
ऐ,जिंदगी तुही बता,सबके साथ ये तेरी कैसी करामात है।
ये खेल तेरा निराला,जिंदगी तुम्हारा नाम है,
कहीं पे छांव,कहीं पे तपती धूप का सहारा है।
ऐ,जिंदगी जरा हम पे भी कभी एहसान करना,
मिल जाएं कुछ सुकून की सांसें बस यही आखरी तम्मन्ना है।
🔥 सोशल मीडिया
फेसबुक पेज में जुड़ने के लिए क्लिक करें
https://www.facebook.com/onlinebulletindotin
व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें
https://chat.whatsapp.com/Cj1zs5ocireHsUffFGTSld
ONLINE bulletin dot in में प्रतिदिन सरकारी नौकरी, सरकारी योजनाएं, परीक्षा पाठ्यक्रम, समय सारिणी, परीक्षा परिणाम, सम-सामयिक विषयों और कई अन्य के लिए onlinebulletin.in का अनुसरण करते रहें.
🔥 अगर आपका कोई भाई, दोस्त या रिलेटिव ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन में प्रकाशित किए जाने वाले सरकारी भर्तियों के लिए एलिजिबल है तो उन तक onlinebulletin.in को जरूर पहुंचाएं।