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हर भारतवासी के दिल की धड़कन बने हिंदी भाषा…

©डॉ. कान्ति लाल यादव

परिचय- असिस्टेंट प्रोफेसर, उदयपुर, राजस्थान.

 

ज हिंदी भाषा सिर्फ भाषा ही नहीं बल्कि सभी भारतीय भाषाओं में समृद्ध और मुख्य भाषा है। हिंदी भावों ,अभिव्यक्ति और व्यवहार की भाषा है। आज भारत की पहचान हिंदी से है।हिंदी भारत की अभिव्यक्ति की भाषा है।हर भारतवासी के लिए एक दूसरे से जुड़ने की शक्ति के रूप में भक्ति और मुक्ति स्वरूप है। यह देश की पहचान है ।भारतीयों की शान है।यह भारतीयों की जान है।इस भाषा का एक विशाल हिंदुस्तान है। यह भारत का अभिमान है। हिंदी का सम्मान हमारा सम्मान है। हिन्दी हर भारतवासी के दिल की धड़कन बने। क्योंकि यह देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। इसका विस्तार दुनिया के पटल पर दिनों दिन फैलता जा रहा है। इसका अद्भुत साहित्य है। व्याकरण है। हिंदी हमारी गर्व की भाषा है।हिंदी को मान दो सम्मान दो यह प्यार की भाषा है।व्यवहार की भाषा है।हिंदी भाषा के उत्थान से ही हमारा उत्थान है। हिंदी भाषा ने हिंदी साहित्य को पुष्ट किया है और देश की संस्कृति की रक्षा की है।

 

हिंदी दिवस को वर्ष में दो बार मनाया जाता है। 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में और दूसरा 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में। 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा के रूप में घोषित किया गया था।राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के कहने पर 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को प्रतिवर्ष हिंदी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था।10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है।

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विश्व हिंदी दिवस 2006 में मनाया गया था। प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1974 को महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित किया गया था।इस सम्मेलन का उद्घाटन श्रीमती इंदिरा गांधी के द्वारा किया गया था। इस सम्मेलन में 30 देश से 120 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। हिंदी दिवस भारतीय भाषा का त्योहार है। हिंदी मातृभाषा के रूप में ममतामय भाषा है। महात्मा गांधी ने हिंदी भाषा को “जनमानस की भाषा” कहा था।महात्मा गांधी ने सर्वप्रथम 1917 में गुजरात के भरूच में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा के रूप में मान्यता प्रदान की थी। हिंदी आज देश- दुनिया को जोड़ने का काम कर रही है। हिंदी सुंदर, मनोरम , सहज और सरल भाषा है। यह भाषा “अ” अज्ञानी से “ज्ञ” से ज्ञानी बनने वाली भाषा है। यह जैसे लिखी जाती है वैसे ही पढ़ी जाती है। यह वैज्ञानिक भाषा है।

 

आज दुनिया की 180 से भी ज्यादा विश्वविद्यालय में हिंदी पढ़ाई जाती है।हिंदी को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है। हिंदी एक इंडो आर्य भाषा है।बिहार में 1881 में उर्दू की जगह हिंदी को अपनी आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार करने वाला और हिंदी को अपनाने वाला प्रथम राज्य बना।संयुक्त अरब अमीरात में हिंदी को तीसरी कार्यालय अदालत की भाषा के रूप में स्वीकार किया गया है। हिंदी की प्रथम पुस्तक प्रेम सागर 1805 में लिखी गई है।हिंदी की प्रथम फिल्म राजा हरिश्चंद्र 1913 में दादा साहब फाल्के द्वारा बनाई गई थी। विदेशी विद्वान डॉक्टर फादर कामिल बुल्के ने हिंदी के बारे में कहा था-“संस्कृत मां, हिंदी ग्रहणी और अंग्रेजी नौकरानी है।”

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महावीर प्रसाद द्विवेदी ने कहा था -“देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता स्वयं सिद्ध है।”

 

जॉर्ज ग्रियर्सन ने कहा था -“हिंदी आम बोलचाल की महाभाषा है।”

 

आज हिंदी देश दुनिया को जोड़ने वाली भाषा व्यवहार की भाषा और संस्कृति की सेतु की भाषा बनती जा रही है। आज हिंदी सोशल मीडिया की सबसे तीव्र गति से बढ़ने वाली भाषा बनी हुई है। भाषा विशेषज्ञ जयंती प्रसाद नौटियालके अनुसार हिंदी अब विश्व की प्रथम भाषा बन चुकी है।

 

हिंदी भाषा का विकास दुनिया की सब भाषाओं में तीव्र गति से हो रहा है। हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा देने पर ही भारत विकसित राष्ट्र बन सकता है। हिंदी भाषा आज रोजगार की भाषा बनती जा रही है। हिंदी भाषा को भारत के उन प्रान्तों में जहां हिंदी पूर्ण रूप से नहीं अपनाई गई है वहां पहुंचाने के लिए उन प्रान्तों की भाषा को भी सीखने की जरूरत है। जब उन प्रान्तों की भाषा को अपनाया जाएगा तो हिंदी का महत्व और सम्मान और बढ़ जाएगा। भारतीय संविधान में संवैधानिक रूप से 22 भाषाओं को मान्यता मिली है उसमें सबसे ज्यादा बोली जाने वाली हिंदी है। हिंदी एकता की भाषा है। बहुसंख्यकों की भाषा है परंतु हिंदी को राष्ट्रभाषा की मान्यता आज तक नहीं मिली है यह हमारे लिए दुर्भाग्य की बात है। त्रिभाषा फार्मूला को मजबूती से अपना कर भारत में जल्दी से जल्दी हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने का संकल्प ले यही भारत की एकता का विकल्प है।

 

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