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होम्योपैथी चिकित्सा और उसका उपयोग, जानें | ऑनलाइन बुलेटिन

©उषा श्रीवास

परिचय– एमए में गोल्ड मेडलिस्ट, हॉकी में नेशनल चैम्पियन व महिला एवं बाल विकास अधिकारी, बिलासपुर.


 

 

विश्वभर में 10 अप्रैल 2022 को जर्मन चिकित्सक और होम्योपैथी के जनक डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हेनीमैन की २६७ वीं जयंती मना रही है।

 

जयंती मनाने के पीछे का महत्व सिर्फ होम्योपैथी को आगे ले जाना नहीं है, अपितु चिकित्सा की अलग प्रणाली के बारे में जन जागरुकता पैदाकर अधिक से अधिक लोगों तक होम्योपैथी इलाज को बेहतर ढ़ंग से पहुँचाना है, जिससे इसका लाभ सभी लोग ले सकें।

 

आज विश्व के लगभग 50% देशों में मरीजों का इलाज होम्योपैथी पद्धति से किया जा रहा है, होम्योपैथी की दवाईयाँ जहाँ नुकसान नहीं करती है, वहीं इसकी दवाओं का लागत भी बहुत अधिक नहीं होती है, आजकल कई जटिल रोगों का इलाज इसी पद्धति से की जा रही है, इस पद्धति के इलाज का दावा यहां तक है, कि विभिन्न बीमारियों को जड़ से खत्म करना संभव है।

 

महत्वपूर्ण प्रश्न है कि होम्योपैथी की दवाई कितने दिन में असर कर सकती है?

 

यह प्रश्न निर्भर करता है रोग की गंभीरता पर बीमारी अगर जीर्ण होगी, तो दवा के असर में 5-7 दिन का समय लगेगा, किन्तु सामान्य बीमारी में इसकी औषधि 1-2 दिन में असर करती है, कुछ संक्रामक रोगों में दवा का असर 1/2 घंटे में भी संभव होता है।

 

हाल में आई रिपोर्ट से ज्ञात हुआ कि किडनी एवं थायराइड रोगों को जड़ से खत्म करने में दवाई का परिणाम आश्चर्यजनक साबित हुआ है, कई बार मन में सवाल उठता है कि दवाई का उपयोग किस प्रकार करें? दवाई का उपयोग बहुत सामान्य तरीके से की जा सकती है, चिकित्सक के परामर्श से नाश्ता अथवा भोजन उपरांत 5 मिनट में दवा ली जा सकती है।

 

परहेज की बात करें तो कोई भी खाद्य पदार्थ मुँह में ना चिपका हो, होम्योपैथी दवा सेवन करने वाले को चाय अथवा कॉफी नहीं पीना चाहिए, क्योंकि यह दवा के असर को खत्म करती है।

 

दवा को खाते समय निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक है, औषधि को निगलना नहीं है चूसकर सेवन करें, क्योंकि दवा का असर जीभ के जरिए होता है, दवा का उपयोग चिकित्सक की सलाह पर करना है, क्योंकि रोग की गंभीरता को ध्यान में रखकर ही चिकित्सक मात्रा निर्धारित करेंगे, होम्योपैथी दवा का स्वाद मीठा होता है, कारण दवा अल्कोहल से तैयार की जाती है, कुछ अल्कोहल की प्रवृत्ति मीठी होती है, कुछ की कड़वी होम्योपैथिक औषधियाँ मीठी अल्कोहल से तैयार की जाती है।

 

महत्वपूर्ण बातें इसमें ये है कि दवा को सीधे हाथ में लेकर न खायें, बल्कि कागज पर रखकर खाना है, कारण दवा में मौजूद अल्कोहल हाथ में आते ही वाष्पीकृत हो जाता है और असर कम हो जाता है।

 

होम्योपैथी दवा खा रहे हैं तो कोई भी गंध वाली वस्तुओं का सेवन जैसे-प्याज, लहसुन, तम्बाकू, पान मशाला और आयुर्वेदिक दवा यूनानी दवा एलोपैथिक की दवा का सेवन वर्जित होता है। दवा कब लें? खाली पेट या भोजन के पश्चात।

 

दवा खाली पेट नहीं लेना है, दवा खाने के आधा घंटा पहले एवं भोजन के आधा घंटा पश्चात कुछ भी नहीं खाना चाहिए।


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