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हमर संविधान | ऑनलाइन बुलेटिन

©राजेश मधुकर (शिक्षक)

परिचय– कोरबा, छत्तीसगढ़.


 

 

जम्मों मनखे हर एक बरोबर

सबला देखथे जी एक समान

जेकर नजर म छोटे-बड़े नहीं

सबला देथे जी एक अधिकार

ओहर हवय हमर संविधान…2

 

गरीब घलो हर बड़े पदमी पाथे

सब जाति हर हवय एक समान

जेहर छोटे – बड़े भेद नई मानय

जेहर देहे सबला एक अधिकार

ओहर हवय हमर संविधान…2

 

दू बछर ग्यारह महीना म बने हे

दुनिया ले बड़का बिधि-बिधान

तीन सौ पंचानवे अनुच्छेद जने हे

अनुसूची आठ,बाईस भाग महान

सबला देहे हे मौलिक अधिकार

ओहर हवय हमर संविधान…2

 

दुनियाँ भर म हमर संविधान हर

सबले सुग्घर संविधान कहाथे

सच ल सच, झूठ ल झूठ बताथे

नई छिनए एहर ककरों अधिकार

ओहर हवय हमर संविधान…2

 

अपन अधिकार ल पढ़व-गुनव

का सही का गलत ओला जान

मधुकर के सुनव गोठ ल भईया

बाबा साहब के देहे हे अधिकार

ओहर हवय हमर संविधान…2

 


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