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संविधान हूं मैं | Onlinebulletin.in

©भारती नंदनी, मस्तूरी, बिलासपुर, छत्तीसगढ़


 

 

संविधान हूं मैं

भारत का संविधान हूं मैं

भारत के सर का ताज हूं मैं

लोकतंत्र का आधार हूं मैं

समता न्याय बंधुता का

आधार हूं मैं

ना कोई ऊंच है

ना कोई नीच है

भाईचारे का आधार हूं

देश की रीढ़ हूं मैं

सबके लिए समान हूं मैं

 

भारत का संविधान हूं मैं

 

पढ़ लो मुझे

जान लो मुझे

समझ लो मुझे

सभी समस्याओं का

समाधान हूं मैं

1 प्रस्तावना

395 अनुच्छेद

8 अनुसूची के साथ

26 नवंबर 1949 को

भारत के संविधान के रूप में

2 साल 11 माह 18 दिन में बनकर तैयार हुआ

1950 को लागू हुआ

इसमें समाहित है

तुम्हारे हक अधिकार

जान लो तुम

अनुच्छेद 32 को

जिसे कहा बाबा साहब ने

संविधान की आत्मा

जो तुम्हें देता है

संवैधानिक उपचारों का अधिकार और जान

सारे मौलिक अधिकार

संविधान हूं मैं

संविधान हूं मैं ….


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