याद किया मैंने ….

©सीमा पोद्दार
हर आहट पर तुम्हें याद किया मैंने।
कभी सोचना मत कि भूला दिया मैंने।
मिलोगी कभी तो बताऊंगा तुम्हें.!
तुम्हारे बिन कैसे जिया मैंने ।
तेरी हर बात मानता हूं तेरे बाद भी
ना खाया जहर, ना शराब पिया मैंने ।।
तुम्हारे बाद कुछ अच्छा नहीं लगा ।
तो दिल किताबों से लगा लिया मैंने।
तुमने भी हमसे बेरूखी कम नहीं की
देखो ना फिर भी सब बातों को दगा, दिया मैंने।
नसीब मान तुम्हें सर पर बैठाया और एक दीया
तेरे नाम का रोशन किया मैंने।
ना तुम आए न हम ही गए
खुदा जाने यह कैसी वफ़ा किया मैंने
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