करो नहीं, किसी का तुम अपमान karo nahin, kisee ka tum apamaan
©गुरुदीन वर्मा, आज़ाद
परिचय– बारां, राजस्थान.
अपने अदब से, अपने शब्द से।
करो नहीं, किसी का तुम अपमान।।
जीवो और जीने दो, सभी को।
करो सभी का, तुम सम्मान।।
अपने अदब से——————-।।
बोलो मीठे बोल तुम, सभी से यहाँ।
टूटे रिश्ते इससे जुड़ेंगे, तुम्हारे यहाँ।।
किसी बनाओ नहीं दुश्मन, तुम ऐसे यहाँ।
दौलत- शौहरत से ,करक ऐसे अपमान।।
अपने अदब से——————-।।
भेदभाव करो नहीं, देखकर जाति- धर्म।
महान बनाते है मानव को, उसके ही कर्म।।
करो नहीं अपमान तुम, किसी भी धर्म का।
सीखो जीना तुम सच में, बनकर इंसान।।
अपने अदब से——————–।।
नफरत की आग से, मत जलाओ चमन को।
करके पैदा बलवे, बर्बाद करो मत वतन को।।
करो नहीं जुल्म, यतीम- मुफ़लिस- औरत पर।
करो नहीं इनका अपमान, होकर एक इंसान।।
अपने अदब से ————————-।।
©Gurdeen Verma
don’t you insult someone
With your words, with your words.
Don’t you insult anyone.
Live and let live, everyone.
Do everyone, you respect.
With your own grace ——————-..
Say sweet words to everyone here.
Broken relationships will be attached to this, you are here.
Don’t make anyone an enemy, you are here like this.
From wealth and fame, such disgrace.
With your own grace ——————-..
Do not discriminate, seeing caste-religion.
What makes a man great is his own actions.
Do not insult you, any religion.
Learn to live you really, become a human being.
With your own grace ——————–.
With the fire of hatred, don’t burn Chaman.
Don’t waste your country.
Do not do atrocities on the orphan- muflis- woman.
Do not insult them, being a human being.
With your own pride ————————-..