तकदीर की भविष्यवाणी | ऑनलाइन बुलेटिन
©गायकवाड विलास
परिचय- लातूर, महाराष्ट्र
(छंदमुक्त काव्य रचना)
ग़म छुपाते रहे, हरपल मुस्कुराते रहे,
बहारें तो यहां पर आती जाती ही रहेगी।
आंधियां तूफानों से भरी है ये राहें अंजानी,
ऐसे में भी हंसती रहे वो ही है जिंदगी।
हौसला टूट न जाए कभी भी ,
पल-पल यहां पर बीतने वाला है।
जो हारा नहीं कभी भी जिंदगी में,
उसी के जीवन में यहां सुखों की बरसात है।
जब भी कभी आते है वो गमों के पल,
तब सुखों के पलों को याद करके हमें जीना है।
सभी के जिंदगी से जुड़ा है ये सुख दु:खों का रिश्ता,
सुख दु:खों के बिना यहां किसी का भी जीवन नहीं है।
कुदरत भी देखो, कभी एक जैसा होता नहीं,
वहां भी कभी पतझड़ और कभी बहारों का मौसम है।
दिन और रातें भी जरुरी है जीवन के लिए,
दिन में भागदौड़ और रातों में सपनों का आना है।
जब ढल जाती है रात तभी आती है सुबह की रोशनी,
ऐसे ही होती है, सभी के जिंदगियों की कहानी।
हंसते-हंसते चलो अपनी मंजिल की ओर,
यहां कौन जान सका है अपने तकदीर की भविष्यवाणी?
ग़म छुपाते रहे हरपल मुस्कुराते रहे,
बहारें तो यहां पर आती जाती ही रहेगी।
आशा और निराशाएं है यहां सभी के जीवन में,
ऐसे में भी हंसती रहे वो ही है जिंदगी।