पिता तो पिता है | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

©मणिशंकर दिवाकर, गदगद
अपने संतानों के लिए जीता है ।।
ना जाने पिता अपने दिल में आपके लिये कितना अरमान सजाया करते है ।
पढ़ने लिखने मे ना हों दिक्कतें असुविधा आपके लिये हर कुछ लाया करते है ।।
पिता का स्थान सर्वश्रेष्ठ है ।
सबसे अति उत्तम और बेस्ट है ।।
मान – सम्मान सबका बराबर रखता ख्याल है ।
उनका अनुपम यह ममत्व प्रेम उमड़ता हर साल है ।।
पिता है तो ना गम की साया, और दु:खों का हो ना हो सामना ।
ज्यो – त्यो हल निकाल देते पिता समस्या का ऐसा है मानना ।।
पिता सैकड़ों गुरूओं से बढ़कर है ।
पिता तो अपनों गैरों से लड़कर है ।।
पिता तो आपका हर सपना संजोने रोज नये अरमान लिये चलता है ।
आप कहकर तो देखों वह आपके आफ़त में साथ देने को आग की भांति जलता है ।।
पिता आपका हिम्मत साहस मनोबल बढ़ाता है ।
पग – पग आगे बढ़ते जाओं ऐसा नेक विचार आपके मन में सदैव लाता है ।
आपको हर सम – विषम परिस्थितियों से लड़कर संघर्ष भरा जीवन जीने सिखाता है ।
हर मुश्किलों से लड़ना सिखों ऐसा राह हमें दिखाता है ।
पिता की हर बात मानोगें तो आपका जीवन संवर जायेगा ।
देखना आप एक दिन आपके चेहरे में नया मुस्कान खिल आयेगा ।।
पिता आपका हर वक़्त साथ देता है ।
आप हमेशा आगे बढ़ो ऐसा शुभ आशिष देता है ।।
ये खबर भी पढ़ें:
पंचायतों पर पहरा, ग्रामीण विकास ठहरा | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन