मैं तुम्हारा हूँ सनम | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

©रामभरोस टोण्डे
मिलो ना कभी,
यह इश्क़ है।
मोहब्बत हैं ना,
जाने और क्या हैं।
कैसे कहूँ,
इस दिल के लिए।
कितने खास हो तुम,
हर वक़्त दिल के पास हो तुम।
न जिद है,
न कोई गुरुर हैं हमें।
बस तुम्हें पाने का सुरूर हैं हमें,
सजा जो भी हो मंजूर हैं हमें।
सूख गए फूल,
बहार वहीं हैं।
मैं तुम्हारा हूँ सनम,
ये तुम्हें बता पाना मुश्किल हैं।
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