जोहारवँ तोला धरती मैइया …
©सरस्वती साहू, (शिक्षिका), बिलासपुर, छत्तीसगढ़
जोहारवँ तोला धरती मैइया
बड़ हे तोर उपकार
तोर कोरा म बसे जमो
पलत हे संसार
नीक लागे तोर माटी दाई
सोंध -सोंध ममहाय
तोर देहे ल खावत पीयत
जीनगी हर पहाय
मया पीरीत के बंधना म
बंधे हे परवार.
तोर कोरा म बसे जमो पलत हे संसार…
फूलय बाग अऊ बगैचा
फरय बरछा म कमाल
भरय ताल अऊ तलैया
कुआं, डबरी हे निहाल
नदिया बोहावय
सुघ्घर ठाढ़हे हे पहार.
तोर कोरा म बसे जमो पलत हे संसार….
बन झारी हर तोर कोरा म
सुघ्घर -सुघ्घर जागे
तेकर भरोसा गांव गंवई
सबके भाग जागे
बारी बेला म साग भाजी
उपजे गा खुशयार.
तोर कोरा म बसे जमो पलत हे संसार….
नांगर बैइला धर के रेंगय
खेत म किसान
धान, गहूँ, ओनहारी सुघ्घर
बोंवय गा मितान
धरती के कोरा ले निकले
सोन के भरमार.
तोर कोरा म बसे जमो पलत हे संसार….
माटी के महिमा हे जबड़
गुन हे गा महान
धरती माई के कोरा म
समाये हे जहान
माथा ल टेकाववँ दाई
करत हव जोहार.
तोर कोरा म बसे जमो पलत हे संसार….
जोहारवँ तोला धरती मैइया
बड़ हे तोर उपकार
तोर कोरा म बसे जमो
पलत हे संसार …