प्यार एक आत्मानुभूति | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन
©अशोक कुमार यादव
परिचय- राष्ट्रीय कवि संगम इकाई के जिलाध्यक्ष, मुंगेली, छत्तीसगढ़.
प्यार मधुर है, प्यार सरस है, प्यार है सुंदर।
प्यार आकृष्ट है, प्यार अनंत है, प्यार है अमर।।
प्यार रक्षक है, प्यार सौभाग्य है, प्यार है स्तुति।
प्यार अमृत है, प्यार ज्ञान है, प्यार है अनुभूति।।
प्यार मानस है, प्यार वचन है, प्यार है करम।
प्यार पवित्र है, प्यार सत्य है, प्यार है धरम।।
प्यार राह है, प्यार प्रेरणा है, प्यार है लक्ष्य।
प्यार प्रतिभा है, प्यार बुद्धि है, प्यार है साक्ष्य।।
प्यार शक्ति है, प्यार भक्ति है, प्यार है रीत।
प्यार ताकत है, प्यार साहस है, प्यार है जीत।।
प्यार चंचल है, प्यार गति है, प्यार है जवानी।
प्यार त्याग है, प्यार संयम है, प्यार है कुर्बानी।।
प्यार पूजा है, प्यार साधना है, प्यार है योग।
प्यार अटल है, प्यार चेतना है, प्यार है संयोग।।
प्यार काया है, प्यार माया है, प्यार है आत्मा।
प्यार तप है, प्यार वरदान है, प्यार है परमात्मा।।
प्यार मोक्ष है, प्यार उत्तम है, प्यार है मार्ग।
प्यार बहार है, प्यार मोती है, प्यार है स्वर्ग।।
प्यार जादू है, प्यार कला है, प्यार है सम्मोहन।
प्यार उन्नति है, प्यार गौरव है, प्यार है जीवन।।
प्यार खुशी है, प्यार मजा है, प्यार है आनंद।
प्यार सुख है, प्यार शांति है, प्यार है परमानंद।।
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