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“दूर “……..

©राजेश मधुकर (शिक्षक)

परिचय- कोरबा, छत्तीसगढ़.

 

हवव मैं नानकुन मजदूर

मोर से सब रिस्तेदार दूर

मोर से जान-पहचान दूर

मोर से  मान-सम्मान दूर

मैं हवव कतका  मजबूर…… 2

 

हवव मैं नानकुन मजदूर

मोर से  पईसा-कौड़ी दूर

मोर से  पढ़ई-लिखई दूर

मोर से  ज्ञान-विज्ञान दूर

मैं हवव कतका  मजबूर…… 2

 

हवव मैं नानकुन मजदूर

मोर से  सुख-सुविधा दूर

मोर से  घर – परिवार दूर

मोर से नौकर -चाकरी दूर

मैं हवव कतका  मजबूर…… 2

 


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