अमर रहे गणतंत्र हमारा | ऑनलाइन बुलेटिन
संकलन- अर्जुन खुदशाह, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
विजय पर्व गणतंत्र दिवस है,
नव भारत की नव पहचान
कोटि कोटि जनता ने पाया
अपना निर्मित नया विधान
हुए सभी हम भारतवासी
अपने किस्मत के निर्माता
अंग्रेजी काले नियमों से ,
बेहाल हुई भारत माता,
परंतु अब मुक्त है भारत माता
बिना भेद के पाई सबने ,
एक अनोखी अवसर समता
जनता ने पहचानी फिर से
विश्व पटल पर अपनी क्षमता
राष्ट्रगान को मिल कर गाया,
वीर शहीद की कुर्बानी
व्यर्थ नहीं जाने पाएगी ,
देशप्रेम की भीनी खुशबू
जन गण मन मेहकाएगी