शायद अब मैं भी बूढ़ा हो गया हूं | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

©राजकुमार समुंद्रे
परिचय- अध्यक्ष- सुदर्शन समाज, बिलासपुर, छत्तीसगढ़.
शायद अब मैं भी बूढ़ा हो गया हूं
समझ नहीं पाता हूं
आज कल
बच्चों की
बातों को
उनके विचारों को
उनकी भावनाओं को
उनकी आकांक्षाओं को
शायद अब मैं बूढ़ा हो गया हूं
चिढ़ चिढ़ा भी हो गया हूं
जो हर बात
पर अपनी ही
मर्जी चलाता हूं
चीखता हूं
चिल्लाता हूं
ये मैं क्यूं भूल जाता हूं कि
हां शायद अब मैं बूढ़ा हो गया हूं
बच्चे भी तो
आज
बड़े हो गए हैं
पढ़ लिख गए हैं
समझदार हो गए हैं
ये मैं क्यूं भूल जाता हूं
हां शायद अब मैं बूढ़ा हो गया हूं
अभी कल ही की
तो बात है जैसे
बच्चों को
गोद में उठा कर
बजार तक
जाता था
और
उनके ना ना नहीं
करने पर भी
कुछ अपनी पसंद
का ही उनको..
उन्हें वो कुछ दिलाता
जो पसंद भी नहीं था
पर तब
वो बच्चे थे
आज देखो
वो
ये मैं क्यूं भूल जाता हूं
हां शायद अब मैं बूढ़ा हो गया हूं
हर कोई मेरी
फ़िक्र करतें
हैं
ठंडी हवाओं में
गर्मी की धूप में
बरसते पानी में
जाने से भी
मुझे रोकते हैं
जैसे कल तक मैं
उन्हें रोकता था
टोकता था
यह मैं क्यूं भूल जाता हूं
हां शायद अब मैं बूढ़ा हो गया हूं
अब तो
बाजार भी वे ही
मुझे ले जातें हैं
मेरे लिए
क्या अच्छा है
क्या बुरा है
क्या खाना है
क्या पीना है
क्या पहनना है
वे ही मुझे बताते हैं
ऐसा ही तो मैं भी करता था
यह मैं क्यूं भूल जाता हूं
हां शायद अब मैं बूढ़ा हो गया हूं
पहले मैं कमाता था
अब वो भी कमाते हैं
पहले मैं उन्हें घुमाने कहीं
लेकर जाता था
अब वे मुझे लेकर
जातें हैं
जैसा मैं करता था
वे भी वैसा ही तो करते हैं
ये मैं क्यूं भूल जाता हूं
हां शायद अब मैं बूढ़ा हो गया हूं
अब तो मैं
डरता भी हूं बहुत
वैसे पहले भी तो मैं डरता था
तब पहले डर था
इस बात का
के
बच्चे छोटे हैं
हाथ छूट गया
तो
कहीं खो ना जाएं
चलते-चलते
कहीं गिर ना जाएं
कहीं किसी से
टकरा ना जाएं
अब डर लगता है कि
सब कुछ पहले सा नहीं है
कहीं कोई आकर
भीड़ ना जाएं
कहीं कोई आकर
टकरा ना जाएं
कहीं कोई भी
चोट ना लगा जाएं
कल का दौर कुछ और था
आज कुछ और
कल ग़ैर भीअपना था
आज अपना भी ग़ैर है
पहले समझा जाता था
अब नहीं समझ आता है
बच्चे तो अब भी हैं ना
मेरे लिए…..
बस यही मैं भूल नहीं पाता हूं
पर अब बच्चे भी तो
ब…हु…त ..ब…ब..ड़े… हो…
गएं हैं
यह मैं क्यूं भूल जाता हूं
अब चिढ़ चिढ़ा भी हो गया हूं
जो हर बात पर
अपनी ही
मर्जी चलाता हूं
चिखता हूं चिल्लाता हूं….
हां शायद अब मैं बूढ़ा हो गया हूं
हां शायद अब मैं बूढ़ा हो गया हूं
ये खबर भी पढ़ें: