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अब नंदावत हे | Onlinebulletin.in

©द्रौपदी साहू (शिक्षिका), कोरबा, छत्तीसगढ़

परिचय– जिला उपाध्यक्ष- अखिल भारतीय हिंदी महासभा.

 


 

 

#Onlinebulletin.in | #Onlinebulletin | तइहा के दिन हर अब्बड़ सुरता आथे। लइकइ म कतका मसरमोटी करन तेखरो सुरता हर निक लागथे।‌ खेति-खार के दिन म घर के लइकामन घलो खेत जाय बर तुकतुकाय रहँय। दई-ददा के सँग म लइका मन घलो खेत-खार चल देवँय अऊ ऊँखर सँग म अपनो मन बुता करँय अऊ खेलँय।

 

आज के जमाना म कतका कन मसीन, गाड़ी-घोड़ा आ गे हे, जेखर परयोग जम्मो झन करथें। मसीन म जम्मो झन के बुता हर उसरथे घलो फेर पहिली के जम्मो जिनिस मन अब धीरे-धीरे नंदावत हें।

 

पहिली हँसिया म धान लुवँय अब तो मसीन आ गे हे त हँसिया चलाय बर घलो नी परय। मसीने‌ म लुवई-मिसई सब संगे म हो जाथे। पहिली धान ल लुए के बाद दु दिन खेत म करपा ल सुखवावँय तेखर ले पैरा डोरा म करपा ल सँइका के बाँध के कोनो सुर म डोहारँय त कोनो भइँसा गाड़ा म।

 

भइँसा गाड़ा म बइठे के मजा घलो अब्बड़ निक लागय। भइँसा ल अरर्,,,,,,तततत्,,,,,,कहिके खेदइ अऊ गाड़ा के गड़-गड़-गड़-गड़ चलइ घलो बड़ निक लागय। धान ल खेत ले कोठार भइँसा गाड़ा म लेके आवँय, तहाँ कोठार म धान ल उसार के खरही गाँजँय। अब तो भइँसा दिखय न गाड़ा, सबो नंदावत हें।

 

पहिली धान ल मिसे बर दँउरी फाँदँय अऊ बेलन चलावँय । आजकाल कोनो ए झमेला म नी परँय, सबो मसीन बाला हो गय हें। पहिली बाबू हर धान मिसे बर बेलन चलावय, जेमा पाटा घलो रहय, तेमा लइकामन ल बइठारे रहय अऊ बेलन चलत रहय । एहु मजा निक लागय। बेलन के पाछु-पाछु भई-बहिनी मन गुरमुड़ी खावँय अऊ अब्बड़ मजा करँय।

 

बेलन चलाय के बाद जब धान मिसा जातिस त कलारी म पैरा ल झर्रावँय अऊ कुढ़ोवत जावँय, गाँजत जावँय। पैरा म लइकामन के खेलवारी अतका रहय के दई-ददा मन परसान हो जावँय। जम्मो पैरा ल झर्रा के धान घलो ल अलगे कुढ़ोवत जावँय तेखर ले सुपा म करके धान के भूँसा ल उड़वावँय। जेमा ठिन्ना धान हर अलगे हो जावय अऊ पेरउसी हर उड़ा के अलगे हो जावय। तइहा के मनखे मन कतका मिहिनत करत रहिन! अभियो कोनो-कोनो गाँव के किसान मन अतका मिहनत करथें, फेर आजकाल तो अतका सुबिधा हो गे हे के जम्मो बुता मसीन म तूरते हो जाथे अऊ मसीनेच म आजकाल सब काम -बुता हर होत हे।

 

पहिली जम्मो घर बड़े-बड़े कोठी रहय आजकाल सबके घर नवा होगे अऊ कोठी के बात जुन्ना हो गे। आजकाल खेती करे के बाद धान ल घर म घलो नी रखँय। खेते म मिसाके सीधा सुसइटी पहुँचथे।


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